पाप से पटी पोथी पहुंची मुख्यमंत्री कार्यालय

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(राज्य ब्यूरो)
बांदा/लखनऊ। ‘डेड स्टोर’ बांध, सूखी पड़ीं नहरें, किसान आत्महत्या और सूखे का तांडव उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा फिर भी हरे भरे बुंदेलखण्ड में 100 फीसदी रबी की फसल होने की पोथी मुख्यमंत्री के सामने भेज दी गई। बच्चे हो या बुजुर्ग, महिला हो या पुरूष, सूखे हलख लिए भूख से बिलबिलाते जिला और बुंदेलखण्ड ही नहीं छोड़ भागे बल्कि परलोक सिधार गए किसानों की हकीकत खुलकर देश भर में गूंजी फिर भी अफसरशाही में हेकड़ी और हुक्मरानों के बाजू समेटने में कटौती नहीं हुई। पीने को लिए बूंद नहीं, र्हैंडपंप तो दूर कुआं भी पानी छोड़ गए फिर भी सिंचाई विभाग की फाइलों में चित्रकूटधाम मंडल पानी से लबालब दिखाया गया, रबी की फसल 100 फीसदी से ज्यादा लक्ष्य पूरा करने का दावा किया गया, यूं तो सिंचाई विभाग मंत्री शिवपाल यादव का पसंदीदा विभाग है, साइकिल भी किसान हितैषी होने का दावा कर रही मगर कृषि प्रधान उ.प्र. के आंगन में सिंचाई विभाग में कितनी छीछालेदर है यह बात सरकारी फाइलों में भी बंद हो गई। अगर यह कहें कि मुलायम सिंह की मेहनत और छवि पर बटटा लगाने का काम कर रही अफसरशाही या हुक्मरान तो कतई गलत नहीं है। अगर यह कहें कि कहीं नदी तो कहीं समुंदर नहा रहे भ्रष्टाचारी तो सौ फीसदी गलत नहीं है। रबी की फसल में 100 फीसदी लक्ष्य प्राप्त करने का दावा किया गया था, सिंचाई विभाग के रोस्टर में नहरें लबालब और 141 टेलों तक पानी पहुंचाए जाने की बात थी बावजूद अकेला बांदा जिला नहीं बल्कि चित्रकूटधाम मण्डल के बांध डेड स्टोर, नहरें सूखीं फिर भी सिंचाई विभाग ने 146 टेलो तक पानी पहुंचाने का आंकड़ा शासन को परोस दिया है, 100 फीसदी रबी की फसल पैदावार होने का दावा मंत्री शिवपाल यादव के विभाग में भेज दिया है। बहरहाल क्या हुक्मरान या शासन के दबाव में किसानों का गला घोटा गया? क्या मिशन 2017 में वाहवाही के लिए या सिर्फ बाजू समेटने या मूंछे तानने के लिए फर्जी पोथी परोसी गई? अगर नहीं तो क्या शिवपाल यादव की आए हफ्ते आए महीने घुड़की सिर्फ फर्जीवाड़ा कराने के लिए है? अगर नहीं तो क्या झूठ पोथी तैयार करने वाली अफसरशाही पर कार्यवाही की जाएगी? ये बहुत सारे ऐसे सवाल हैं जो पाप से पटी पड़ीं सरकारी फाइलों पर ही नहीं बल्कि रोते बिलखते भूखे पेट किसानों के अलावा आत्महत्या कर परलोक सिधार गए उन आत्माओं से भी जुड़े हुए सवाल हैं। अब आगे समझिए किस तरह मोहरा बनाए जाते हैं अफसर या अफसरवादी अधिकारी खुद व खुद पाप की नदी में गोते खाते हैं। कहने को अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग बुंदेलखण्ड दिनेश सिंह सचान हैं मगर साहब सपा मुखिया मुलायम सिंह की कर्मभूमि मैनपुरी के भी अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग पर लदे हैं। समस्या टीम से बात करना तो बहुत दूर श्री सचान ने अमर उजाला अखबार को भी इस झूठी और पाप से पटी फाइल बावत अटपटी बाते बताईं। दफ्तर में पता किया तो साहब मंत्री जी की बैठक यानी लखनऊ में हैं, फोन पर पता किया तो घण्टी ही टनटनाती रह गई, खैर चित्रकूटधाम मंडल में नहरों की टेल फीडिंग 100 प्रतिशत से भी ज्यादा फाइलों में बताई है, उससे भी ज्यादा हैरत की बात यह आंकड़ा मुख्यमंत्री की बैठक से संबंधित बनाई गई सूचना में भेजा गया है। पूरे मंडल में नहरों में कुछ 676 टेल बताए गए हैं। रबी में 141 टेलों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। सिंचाई विभाग के आंकड़ों में 31 मार्च तक 146 टेलों में पानी पहुंचाकर लक्ष्य 100 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा हासिल कर लिया गया है। सूखे पड़े खेतों को नहरों से सींचने के कागजी आंकड़ों में सिंचाई विभाग ने बांदा जनपद में केन नहर प्रखंड ने अपने कुल 169 टेल में निर्धारित लक्ष्य 11 टेल में पानी पहुंचाने का दावा किया है। सिंचाई प्रखंड तृतीय ने 15 टेल में एक और लघु डाल नहर खंड ने 26 में सभी 26 टेलों तक पानी पहुंचाने की रिपोर्ट दी है। चित्रकूट जनपद में सिंचाई प्रखंड कर्वी ने 88 टेल में निर्धारित लक्ष्य 9 के विपरीत 17 टेल तक पानी पहुंचाकर 189 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति का दावा किया है। सिंचाई निर्माण खंड कर्वी ने 8 में निर्धारित लक्ष्य 2 टेल मेें पानी पहुंचाकर 33 फीसदी लक्ष्य पूर्ति बताई है। लघु डाल नहर खंड ने 33 में सभी 33 टेल तक पानी पहुंचाने का आंकड़ा परोसा है। महोबा में सिंचाई प्रखंड ने 83 टेल में एक भी टेल तक पानी नहीं पहुंचाया। सपरार प्रखंड झांसी ने 14 टेल में 8 टेल तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दावा किया है कि लक्ष्य के मुताबिक 8 टेलों में पानी पहुंचाया। मौदहा बांध निर्माण खंड प्रथम एक भी टेल में पानी नहीं पहुंचाया। हमीरपुर मेें सिंचाई प्रखंड ने 32 टेल में एक भी टेल तक पानी नहीं पहुंचाया। यहां सपरार प्रखंड ने कुल 56 टेल के सापेक्ष 13 टेल का लक्ष्य तय किया था। इसमें शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा होने का दावा किया गया है। बेतवा नहर प्रखंड प्रथम उरई ने 12 टेल में एक भी टेल तक पानी नहीं पहुंचाया। इसी तरह मौदहा बांध निर्माण खंड हमीरपुर ने कुल 101 टेल में एक भी टेल तक पानी नहीं पहुंचाया। लघु डाल नहर खंड में 38 टेलों में 35 का लक्ष्य निर्धारित किया था। दावा किया है कि लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति हुई है।