मेडिकल अग्निकांड की बहादुर महिला : जलते बच्चों को बचाने के लिए इज्जत की नहीं की परवाह
-खुद जलते कपड़ों की परवाह किए बगैर बचाई नवजात शिशुओं की जान, झुलसी नर्स
झांसी, 18 नवंबर। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की नगरी झांसी में आज भी वीरांगनाओं की कोई कमी नहीं है। इसका उदाहरण मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में देखने को मिला। यहां नवजात गहन चिकित्सा कक्ष में ड्यूटी पर तैनात एक नर्स ने आग लगने पर अपनी सलवार में लगी आग को बुझाने के लिए उसे उतार फैंका और अपनी इज्जत की परवाह किए बिना दो बच्चों को बाहर निकाला।
जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में अपने पुत्र को पीठ पर बांधकर वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लड़ी थीं। उसी प्रकार महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा कक्ष में शुक्रवार की रात आग लगने के बाद वहां तैनात नर्स मेघा जेम्स अपनी जान की परवाह न करते हुए नवजातों को बचाने के लिए आग में कूद पड़ीं। आग से नर्स मेघा जेम्स की सिंथेटिक सलवार जल गई लेकिन उसने हार नहीं मानी। वीरांगना की तरह उसने अपनी सलवार को उतार कर फेंका। इज्जत से पहले अपने फर्ज को निभाते हुए बिना सलवार के दो बच्चों को बाहर छोड़ा और फिर अपने दूसरे कपड़े पहनकर फिर दो-तीन बच्चों को बचाया। वह झुलसी अवस्था में आग से जूझती हुई नवजात शिशुओं की जान बचाने में जुटी रही। मेघा जेम्स को शुगर की बीमारी है। इस दौरान वह गंभीर अवस्था में झुलस गई थी। नर्स मेघा जेम्स को हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में एडमिट कराया गया है। उसके बेटे का भी हाल ही में जन्मदिन है पर बढ़े हुए शुगर लेवल के चलते उसे हॉस्पिटल में रोका गया है। उसके इस साहस भरे सराहनीय कार्य की जमकर प्रशंसा हो रही है।