Home उत्तर प्रदेश लेखकों को प्रोत्साहित करना होगा : योगी 

लेखकों को प्रोत्साहित करना होगा : योगी 

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कालजयी रचनाओं के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करना होगा : आदित्यनाथ  

लखनऊ, 9 नवंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा लेखन व अच्छे लेखकों की कृतियों के प्रति आमजनमानस का जो रूझान होना चाहिए उसमें कमी देखी जा रही है। हमें फिर से ऐसी कालजयी रचनाओं के लिए लेखकों को प्रोत्साहित करना होगा।

मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारत की परम्परा ज्ञान के प्रति आग्रही रही है। भारत की परम्परा श्रुति परम्परा थी। नैमिषारण्य जैसे पवित्र स्थानों पर ऋषियों ने ज्ञान को लिपिबद्ध किया, जिससे यह एक तीर्थस्थल बन गया। हमारे देश में सुनना, मनन करना और उसे आचरण में उतारना एक परंपरा रही है। आज हमें फिर से इस परंपरा को जीवंत करना होगा। आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि यहां महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे महान कवि हुए। उन्होंने महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे घर-घर में गाया जाता है। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्धभूमि में भी ज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कृति रची गई थी। हमें अपनी इस महान परंपरा पर गर्व करना चाहिए और इसे संजोए रखना चाहिए।

आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बच्चों से पाठ्यक्रम के साथ-साथ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि अच्छी किताबें पढ़ें और उनसे अच्छी बातें सीखें। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों से मेले में एक-एक पुस्तक खरीदने का अनुरोध किया, ताकि उनमें पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित हो सके। मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा अपने 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर व्यतीत कर रहे हैं। अगर इस समय का उपयोग किसी सार्थक कार्य में किया जाए तो यह समाज और युवा दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। हमें तकनीक का उपयोग करना चाहिए, न कि उसके गुलाम बनना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचेगा और लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आज हमें डिजिटल डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को कम करके पुस्तकों के अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए। पुस्तकें हमारी सोच को विस्तार देती हैं और हमें समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं। हमें अपनी नई पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना होगा।

यह महोत्सव नेशनल बुक ट्रस्ट और लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है, जो 9 से 17 नवंबर तक चलेगा। गोमती पुस्तक महोत्सव के इस तृतीय संस्करण में विभिन्न लेखकगण, समाज के सुधिजन और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो.मिलिंद सुधाकर मराठे और एनबीटी के निदेशक कर्नल युवराज ​मलिक ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का स्वागत किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत, एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल, प्रदेश सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मंडलायुक्त रौशन जैकब व जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। मेले में बुक स्टॉलों पर मुख्यमंत्री ने स्वयं जाकर पुस्तकों का अवलोकन किया और आयोजकों को इस अभिनव प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।