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सनातनी रीति-नीति व संस्कारों पर चलने से ही धर्मांन्तरण व लव जिहाद पर लगेगी रोक : नीरज दौनेरिया

सनातन की परम्पराओं के अनुसार महाकुंभ में अद्धितीय व्यवस्थाएं की गयीं

महाकुंभनगर, 22 जनवरी: बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दौनेरिया ने कहा कि सनातन के मूल्यों पर सनातन की परम्परा पर अपने सनातनी होने पर अपने हिन्दू होने पर गर्व होना चाहिए कि हम हिन्दू हैं। हमारे सनातनी और हिन्दू जीवन मूल्य हैं, उनका पालन करने की रीति-नीति व संस्कारों पर चलने की आवश्यकता है। इससे ही धर्मान्तरण व लव जिहाद पर रोक लगायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सनातन के विचार पूरी दुनिया में फैलाने की आवश्यकता है। हम सर्वे भवन्तु सुखिन: व वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाले हैं। सनातन का प्रभाव बढ़ेगा तभी विश्व का कल्याण होगा।

नीरज दौनेरिया ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि सनातन की अनुभूति कितनी गहरी होती है, उसकी आस्था कितनी अधिक निष्ठावान होती है, समर्पण युक्त होती है। भक्ति में कितनी शक्ति होती है, महाकुंभ में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देती है। इस धरा पर अगर सबसे पहले कुछ था तो सनातन था। प्रयागराज महाकुंभ पूरी दुनिया को सनातन की जड़ें कितनी गहरी हैं सनातन कितना प्राचीन है।

उन्होंने कहा कि 2025 का प्रयागराज महाकुंभ 144 वर्षों के बाद आया है। हमारे कोई जरूर ऐसे पुण्य जागृत हुए हैं हमसे जरूर पूर्व जन्म में कोई पुण्य कार्य हुआ है जिसके कारण यहां आ सके और यहां का विहंगम दृश्य देख सके। अपनी इन आंखों से करोड़ों लोगों को संगम की तरफ जाते हुए देखा। बड़े-बड़े संत जिनके नाम हम सुनते हैं जो सनातन के मर्मज्ञ हैं ऐसे महान संतों को उनके अखाड़ों को नागाओं की साज-सज्जा उनके धार्मिक चिन्हों साथ गंगा के ओर जाते हुए गौरव की अनुभूति होती है कि हमारे सनातन में कितनी गर्वानुभूति होती है। महाकुंभ में करोड़ों लोग यहां आये समरस होकर आये। न जाति न पांति। हिन्दुओं को जो बांटने की बात करते हैं। करोड़ों लोग यहां आये। दुनिया में इतना विशाल कोई आयोजन कोई कर नहीं कर सका। यहां सनातन की परम्परा के अनुसार स्वत: आयोजन हो जाता है। बिना किसी निमंत्रण के करोड़ों लोग डुबकी लगाने आते हैं।

महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के बारे में उन्हाेंने कहा कि योगी आदित्यनाथ स्वयं एक संत व सन्यासी हैं। कुंभ का क्या महत्व होता है वह जानते हैं। उन्होंने सह्रदयता के भाव से अद्धितीय व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि पहले के कुंभ में हम भी रह चुके हैं लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इतनी व्यवस्थाओं के साथ पहली बार की गयी है। पूरा मेला क्षेत्र साफ सुथरा दिख रहा है। सनातन के प्रति गहरी जानकारी मिल रही है। जो कल्पवासी यहां आये उनकी क्या आवश्यकताएं हैं उनके लिए कुटिया बनायी गयी है। सनातन की परम्पराओं के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने अद्धितीय व्यवस्थाएं की है। न भूतो न भविष्यति। योगी आदित्यनाथ वर्तमान समय में अपने सनातन के विचारों को लेकर अपने निर्णय को लेकर उन निर्णयों को पालन कराने के मामले में हिन्दू जनमाानस के बीच व्यापक जगह बनाई है।

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