निशांत सिंह
लखनऊ। दूध मिलावटी, पनीर मिलावटी, खोआ हम खा रहे, या वो हमारी जान ले रहा, कोई नहीं जानता। मसाला से लेकर दवाओं तक, सब्जी-फल से लेकर अनाज तक, मिलावटखोरी का अपराध हर जगह घर बना चुका है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को चेतावनी दी, मिलावट खोरों को चुनौती दी। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि मिलावटखोरी सामाजिक अपराध है, ऐसे अपराधियों की तश्वीरें चैराहों पर टांगो। उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की चीजों में मिलावटखोरी और नकली दवाओं के कारोबार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा फैसला लिया है। सीएम ने दो टूक कहा है कि लोगों की सेहत से जुड़ा विषय गंभीर इससे किसी भी तरह का खिलवाड़ करने के लिए कोई माफी नहीं है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरें मुख्य चैराहों पर लगाई जाएं। जिससे जनता उनको पहचान से और और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए.
मिलावट हमारी जिंदगी का हिस्सा कैसे बनता जा रहा
मिलावटखोरी हमारी जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा, उसी अपराध को हम अपनी पसंद बनाते जा रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को ‘सामाजिक अपराध’ करार दिया। बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि तेल, घी, मसाले, दूध, पनीर जैसी रोजाना उपभोग की चीजों की जांच उत्पादक इकाई पर ही कराने का प्रयास किया जाए. दूध व दुग्ध उत्पादों की विशेष रूप से सघन जांच के लिए टीमें बनाई जाएं जो लगातार निगरानी रखें।
सेहत की रक्षा हमारी ड्यूटी होनी चाहिए-योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साथ ही कहा कि पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर इस पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आमजन का स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ होना चाहिए। नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस के साथ विभागीय समन्वय को और बेहतर बनाया जाए जिससे गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके।
विभागीय एप और टोल फ्री नंबर
आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ नामक मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत का निस्तारण तभी मान्य माना जाए जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो। खाद्य सुरक्षा की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एफएसडीए ने पासवर्ड-संरक्षित बारकोड प्रणाली लागू की है, जिससे नमूनों के विश्लेषण की गोपनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित होती है। प्रत्येक नमूने का परीक्षण वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल माध्यम से किया जाता है और उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही वह विश्लेषण मान्य माना जाता है।
‘लैब नेटवर्क का विस्तार हुआ’
मुख्यमंत्री को बताया गया कि यूपी में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है. छह प्रमुख मंडलों के अलावा अब अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और देवीपाटन मंडलों में भी नई प्रयोगशालाएं और कार्यालय स्थापित किए गए हैं. लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में तीन आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं।