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आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया को मिली जमानत

Suspended Deputy Secretary Saumya Chaurasia gets bail in disproportionate assets case

रायपुर। आय से अधिक संपत्ति मामले में नियत समयावधि में चार्जशीट दाखिल न होने पर एसीबी/ईओडब्लू स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया को आज जमानत दे दी है। लेकिन सौम्या चौरसिया अभी जेल में ही रहेंगी, क्योंकि उनके विरुद्ध कोल लेव्ही का केस चल रहा है। विशेष अदालत ने पचास-पचास हज़ार के दो सक्षम जमानतदार की शर्त पर ज़मानत दी है।

सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिज़वी ने आज बताया कि एसीबी/ईओडब्लू कोर्ट में न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी के समक्ष सौम्या चौरसिया के जमानत के लिए 7 जनवरी को ज़मानत आवेदन पेश किया गया था। अधिवक्ता के आवेदन में कहा गया है कि नियत समयावधि के साठ दिन बीतने के बावजूद अभी तक चालान पेश नहीं किया गया है इसलिए ज़मानत दी जाए। इस आवेदन के बाद एसीबी/ईओडब्लू की ओर से आवेदन देकर बहस के लिए आज का समय मांगा गया था ।

एसीबी की ओर से आज अधिवक्ता श्लोक श्रीवास्तव और मिथिलेश वर्मा ने यह तर्क दिया कि एसीबी के प्रकरण में चार्जशीट दाखिल करने की मियाद 60 दिन बल्कि 90 दिन है।इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिज़वी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत के साथ यह तर्क किया कि चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 60 दिन है। बचाव पक्ष की ओर से बीएनएसएस 187(3) का उल्लेख करते हुए न्यायालय से अनुरोध किया कि इसमें भी साठ दिवस की अवधि निर्धारित है।

विशेष अदालत (एसीबी/ईओडब्लू) ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिज़वी के तर्कों से सहमत होते हुए सौम्या चौरसिया को ज़मानत दे दी। ईडी के कोल लेव्ही स्कैम में सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में जमानत मिल चुकी है, आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उन्हें रायपुर अदालत से ही ज़मानत मिल गई है। लेकिन उनके विरुद्ध एसीबी/इओडब्लू ने कोल लेव्ही केस में केस दर्ज कर रखा है, और इस प्रकरण में उन्हें ज़मानत नहीं मिल सकी है।इसलिए लंबे समय से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद सौम्या अभी जेल से बाहर नहीं आ पायेंगी।

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