Home उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों की तैयारी में जुटी आरपीआई

पंचायत चुनावों की तैयारी में जुटी आरपीआई

30

पंचायत चुनावों की तैयारी में जुटी आरपीआई, यूपी में 20 हज़ार लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली|

लखनऊ, 27 नवंबर । रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (आठवले), उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत कर रही है। पिछले 3 महीने में पार्टी से 20 हज़ार नए सदस्य अलग-अलग अभियानों के माध्यम से जुड़े हैं। 2026 में होने वाले जिला पंचायत चुनावों के माध्यम से आरपीआई उत्तर प्रदेश में चुनावी राजनीति में उतरेगी। इसके लिए पूरे प्रदेश के संगठन को मजबूत किया जा रहा है। यह बातें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने कसमंडा हाउस हजरतगंज स्थित पार्टी प्रदेश कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान कही।

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि आरपीआई पिछले 6 वर्षों से उत्तर प्रदेश में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है। अपने संगठन को धार दे रही है। पिछले 3 महीनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 20 हज़ार लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली है। साथ ही 100 से अधिक लोग, पार्टी पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी लेते हुए आरपीआई के संगठन को ज़मीन पर मजबूत कर रहे हैं।

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि आरपीआई लगातार प्रदेश में दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक सहित हर वर्ग की आवाज बन रही है। भारत का संविधान हर व्यक्ति को न्याय का अधिकार देता है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान का निर्माण न्याय, समानता एवं बंधुत्व की भावना को अक्षुण बनाये रखने के लिए किया था, जिसको लेकर आरपीआई चल रही है। आरपीआई जातिगत जनगणना के पक्ष में है। पार्टी पुलिसिया गुंडई के ख़िलाफ़ लगातार आवाज उठा रही है। देवरिया में दलित बस्ती के पढ़े-लिखे युवाओं के पुलिसिया उत्पीड़न के ख़िलाफ़ लगातार आरपीआई ने आवाज उठाई और दरोगा को निलंबित कराया। ऐसे ही पूरे प्रदेश में सैकड़ों पुलिस उत्पीड़न के मामलों में आरपीआई जनता की आवाज बन रही है।

रामदास आठवले 29 नवंबर को आयेंगे लखनऊ

उन्होंने बताया कि आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भारत सरकार डॉ. रामदास आठवले 29 नवंबर को लखनऊ आ रहे हैं। सिडको भवन में पार्टी के प्रदेश स्तरीय, जिला स्तरीय, समस्त प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक है, जिसमें पदाधिकारी संगठन विस्तार को लेकर मंत्री आठवले को रिपोर्ट देंगे और जिन जिलों में पार्टी पदाधिकारी की सक्रियता कम है या पार्टी गतिविधियों एवं पार्टी के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है, वहां नए सिरे से संगठन विस्तार किया जाएगा।