Home संपादकीय मोहन सरकार की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता..

मोहन सरकार की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता..

सरकार यदि विकास के लिए प्रतिबद्ध हो तो असर गहरा दिखाई देता है। वैसे तो मध्य प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास इन दोनों तेजी से दिखाई देता है लेकिन यहां बात हम खेलों के संदर्भ में करेंगे । वस्तुत: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने खेलों की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। विभिन्न राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय खेलों में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों मेडल जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोखन कर रहे हैं। इसके पीछे प्रदेश में खिलाड़ियों को दी जा रही ट्रेनिंग, शिक्षा एवं खेलों में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का विशेष योगदान है। बात यहां यदि एक वर्ष की करें तो में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है। इस साल पहली बार मध्य प्रदेश के पांच खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपित में हिस्सा लिया। वहीं, पहली बार मध्य प्रदेश के तीन खिलाड़ियों और एक प्रशिक्षक को राष्ट्रीय खेल सम्मान से अलंकृत किया गया है।

उज्जैन में जिम्नास्टिक, एथलेटिक, बास्केटबॉल, मलखंभ आदि खेलों का स्वर्णिम इतिहास रहा है। देश में आज मलखंभ खेल की बात आती है, तो उसमें उज्जैन का नाम सर्वप्रथम आता है। उज्जैन में मलखंभ और जिम्नास्टिक अकादमी भी संचालित की जा रही है। यहां युवा खिलाड़ी अपने खेल कौशल का पूर्ण क्षमता के साथ सदुपयोग कर अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित कर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की खास दिलचस्पी के चलते उज्जैन में हाल ही में बहुउद्देशीय खेल परिसर का लोकार्पण हुआ है। खेल विभाग का यह दूसरा वृहद खेल परिसर हैं, जिसमें इनडोर-आउटडोर खेल की सुविधा व स्विमिंग पूल उपलब्ध है। नव निर्मित खेल परिसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक है तथा इसी परिसर में बहुउ‌द्देशीय खेल परिसर है, जिसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस, मलखंभ एरिना, शूटिंग, फुटबॉल मैदान, लॉन टेनिस कोर्ट, खिलाड़ियों की सुविधा के लिए प्लेयर्स लॉबी आदि सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक जिम की स्थापना की गई है।

भोपाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में विभिन्न खेल अकादमियों में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश-प्रदेश को पदक दिला रहे हैं। इस साल मई में आयोजित पेरिस ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में पहली बार मध्य प्रदेश के पांच खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और पदक भी अर्जित किए।

इनमें हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद, शूटर ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और पैरा एथलीट प्राची यादव, पैरा एथलीट पूजा ओझा और कपित परमार शामिल हैं। कपिल परमार ने पहली बार पैरा ओलंपिक में भाग लेकर को जूडो में देश को पहला पदक दिलाया। होशंगाबाद के रहने वाले विवेक सागर प्रसाद ने टोक्यो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरी बार हॉकी टीम की ओर से पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया और टीम में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश को पदक दिलाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पदक विजेता खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच शिवेंद्र सिंह देश टीम से भी खेल चुके हैं। उनकी कोचिंग में ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक में 40 साल बाद देश को मेडल जिताया था। पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने लगातार दूसरी बार देश को पदक दिलाया।

इस साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में मध्य प्रदेश की चार खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश के शूटिंग खिलाड़ी ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, पैरा-केनोइंग खिलाड़ी प्राची यादव और महिला हॉकी खिलाड़ी सुशीला चानू को अर्जुन पुरस्कार तथा हॉकी प्रशिक्षक शिवेन्द्र सिंह को द्रोणाचार्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया।

बच्चों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए जनजातीय कार्य विभाग भी अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहा है। हाल ही में जनजातीय कार्य विभाग के सभी स्कूलों में बच्चों की खेल अभिरूचियों के विकास के लिए खेल मैदान बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग को एकलव्य विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, आदर्श आवासीय विद्यालय एवं सीएम राईज स्कूल में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं को 40 प्रतिशत तक की दिव्यांगता होने पर फ्री मोटोराईज्ड साईकिल उपलब्ध कराने को कहा है।

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने हर जिले के सरकारी स्कूलों में 110 नोडल खेल केन्द्रों की स्थापना की है। इन केन्द्रों के जरिये छात्र-छात्राओं को खेल अधो-संरचना के साथ उत्कृष्ट स्तर की खेल सामग्री और खेल प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस व्यवस्था से सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के खेल प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साथ ही विभिन्न स्तरों पर आयोजित होने वाली शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की सहभागिता में भी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में विभिन्न नोडल केन्द्रों के करीब 200 खिलाड़ियों ने राज्यस्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में सहभागिता कर विभिन्न खेलों में 80 पदक प्राप्त किये।

राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में प्रदेश के खिलाड़ियों ने विभिन्न विधाओं में सहभागिता की। पिछले वर्ष 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में 14, 17 और 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की प्रतियोगता में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों ने 7 खेलों में 26 स्वर्ण, 13 रजत और 14 कांस्य समेत कुल 53 पदक प्राप्त किये। स्कूलों में खेलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिये कक्षा 9वीं से 12वीं तक आवासीय खेलकूद संस्थान, सीहोर में संचालित किया जा रहा है। इस आवासीय संस्थान में 200 सीट निर्धारित है। विद्यार्थी यहां विद्यालय में 4 वर्ष तक पढ़ाई के साथ अपनी रूचि के खेलों का भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस आवासीय संस्थान के विद्यार्थियों का विभिन्न खेल प्रतियोगितायों में श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।

क्रिकेट की बात करें तो मध्य प्रदेश के कई खिलाड़ी आज राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर चुके हैं। आईपीएल में रजत पाटीदार, वेंकटेश अय्यर जैसे खिलाड़ियों ने अपने खेल के दम पर लोगों का दिल जीता है। हाल ही में ग्वालियर में 14 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला गया था। भारत बांग्लादेश के बीच टी-20 श्रृंखला का पहला मैच हाल ही में बने श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच को देखने और कवरेज करने के लिए देश-विदेश से कई मीडिया संस्थान और क्रिकेट जगत से जुड़ी हस्तियां और अन्य लोग यहां आए थे।

कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में खेलों के विकास के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए उनकी खेल प्रतिभाएं निखारने के लिए उन्हें हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव के एक साल के कार्यकाल में यहां खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जिससे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतररराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिल रहा है। इस साल राष्ट्रीय स्तर की शालेय खेल प्रतियोगिताएं भी मध्य प्रदेश में हो रही हैं और इनमें देशभर के खिलाड़ियों के साथ मध्य प्रदेश के खिलाड़ी भी सहभागिता कर रहे हैं।

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