नई दिल्ली, 28 नवंबर । कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) योजना अब देश के कुल 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू हो चुकी है। वर्ष 2014 में यह 393 जिलों में ही लागू थी लेकिन पिछले 10 वर्षों में इस प्रक्रिया में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ सहयोग करके ईएसआईसी योजना को अब शेष 101 जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के मार्गदर्शन में काम करते हुए ईएसआईसी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की सुविधाओं के साथ कर्मचारियों और उनके आश्रितों तक स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने पर काम कर रहा है। श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य लाभ और चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना सरकार की प्राथमिकता है। इससे अधिक उत्पादक श्रम शक्ति का विकास होगा, जिससे ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को गति मिलेगी। इस पहल से 14.43 करोड़ से अधिक ईएसआईसी लाभार्थियों और उनके परिवारों को पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण और व्यापक चिकित्सा देखभाल का लाभ मिलेगा। इस संदर्भ में केंद्र सरकार की श्रम एवं रोजगार सचिव सुमिता डावरा ने हाल ही में इन दोनों योजनाओं के विस्तार और कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की।
ईएसआईसी के महानिदेशक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस विस्तार के माध्यम से ईएसआईसी लाभार्थी देश भर में 30,000 से अधिक आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों में द्वितीयक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिसमें उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा नहीं होगी। यह भागीदारी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ाएगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि उपचार व्यय पूरी तरह से कवर हो, जिससे सभी लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवा आसानी से सुलभ और सस्ती हो सके। देश भर के धर्मार्थ अस्पतालों को भी ईएसआई लाभार्थियों के उपचार के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
ईएसआई योजना के अंतर्गत मौजूदा चिकित्सा देखभाल 165 अस्पतालों, 1590 डिस्पेंसरियों, 105 डिस्पेंसरी सह शाखा कार्यालयों (डीसीबीओ) और लगभग 2900 सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ इस योजना का विस्तार देश के कार्यबल और उनके आश्रितों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की दिशा में ईएसआईसी के प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाएगा।