नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अक्टूबर 2024 में 13.41 लाख शुद्ध नए सदस्य जोड़े हैं। इस दौरान, संगठन ने 7.50 लाख नए सदस्य अपने साथ जोड़े, जो देश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि और कर्मचारी लाभों के प्रति जागरूकता को दर्शाता है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि अक्टूबर के दौरान 18-25 आयु वर्ग के करीब 5.43 लाख नए सदस्य जुड़े, जो इस अवधि में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 58.49% है।
महिला सदस्यों में उल्लेखनीय वृद्धि
अक्टूबर में जोड़े गए नए सदस्यों में से 2.09 लाख महिलाएं हैं, जबकि शुद्ध महिला सदस्य जुड़ाव 2.79 लाख रहा। यह आंकड़ा महिलाओं के बढ़ते कार्यबल में भागीदारी और अधिक समावेशी कार्य वातावरण की ओर संकेत करता है।
सदस्यों के पुनः जुड़ाव में वृद्धि
इस अवधि में, 12.90 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकलने के बाद फिर से जुड़ गए। यह प्रवृत्ति कर्मचारी कल्याण योजनाओं के महत्व और संगठनों द्वारा पेश की जाने वाली लाभकारी योजनाओं की स्वीकार्यता को दर्शाती है।
राज्यवार सदस्य वृद्धि
ईपीएफओ के आंकड़ों के राज्यवार विश्लेषण के अनुसार, शीर्ष 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुद्ध सदस्य वृद्धि 61.32% रही।
महाराष्ट्र ने 22.18% शुद्ध सदस्यों के साथ सबसे अधिक योगदान दिया।
इसके बाद, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और गुजरात जैसे राज्यों ने 5% से अधिक शुद्ध सदस्य जोड़ने में योगदान दिया।
आंकड़ों का महत्व
ईपीएफओ द्वारा जारी ये आंकड़े भारत में रोजगार के अवसरों में वृद्धि और संगठित कार्यबल की मजबूती का संकेत देते हैं। साथ ही, यह संकेत देता है कि युवा कार्यबल और महिला कर्मचारियों की भागीदारी में वृद्धि हो रही है, जो देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना के लिए सकारात्मक है।