इस्लामाबाद, 17 सितंबर । प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन पर सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। वह इस मसले पर अपने भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नाराजगी झेल चुके हैं। नवाज ने उन्हें काफी खरी-खोटी सुनाई है। इसके बाद शहबाज ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेताओं को अपने आवास पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो नेशनल असेंबली के सदस्य सैयद खुर्शीद अहमद शाह, सैयद नवीद कमर और कराची के मेयर मुर्तजा वहाब के साथ उनसे मिले। इसके बाद सोमवार को बिलावल भुट्टो प्रधानमंत्री शहबाज का संदेश लेकर पीपीपी प्रतिनिधिमंडल के साथ मौलाना फजलुर रहमान के आवास पर पहुंचे।
एआरवाई की न्यूज के अनुसार, शहबाज और पीपीपी प्रतिनिधमंडल के बीच बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बिलावल भुट्टो जरदारी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता इस परामर्श प्रक्रिया में अपनी उचित भूमिका निभाएंगे। इसका उद्देश्य आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों के साथ और अधिक चर्चा और परामर्श के माध्यम से निष्कर्ष पर पहुंचना है। शहबाज शरीफ ने कहा कि संविधान में संशोधन करना और कानून बनाना संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 240 मिलियन लोगों ने संसद को कानून बनाने का जनादेश सौंपा है और प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन का प्राथमिक लक्ष्य जनता को न्याय का त्वरित और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करना है। बैठक में कानून और न्यायमंत्री आजम नजीर तरार, आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा और सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार भी मौजूद रहे।
एआरवाई का कहना है कि राजधानी इस्लामाबाद में मौलाना फजलुर रहमान का आवास राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन इस मसले पर विचार-विमर्श जारी रहा। बिलावल भुट्टो ने उनसे एक घंटे तक चर्चा की। बैठक के बाद खुर्शीद शाह और नवीद कमर ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौलाना से उन संवैधानिक संशोधनों पर चर्चा की गई जो विवादास्पद नहीं हैं। पीपीपी नेता खुर्शीद शाह ने कहा कि मौलाना फजलुर रहमान के साथ उनके पुराने संबंध हैं। उन्हें विश्वास में ले लिया गया है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विधेयक से सभी विवादास्पद खंड हटा दिए जाएं। उन्होंने कहा कि मौलाना फजलुर रहमान को अपने साथ शामिल होने के लिए मना लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सीनेट और नेशनल असेंबली के सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।