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यादव समाज का अहम फैसला

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यादव समाज का अहम फैसला, मृत्यु भोज बंद

–समाज में फैसला न मानने वालों का होगा हुक्का-पानी बंद

झांसी, 20 अक्टूबर। महंगाई के इस दौर में किसी की मृत्यु के बाद रीति रिवाज को निभाते हुए होने वाले फिजूल खर्चों पर रोक लगाने के लिए झांसी में यादव समाज ने एक अहम फैसला लिया है। यादव समाज की हुई एक बैठक में सर्वसहमति से तेरहवीं भोज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। फैसले में तेरहवीं में छपने वाले निमंत्रण कार्ड पर भी रोक लगाई गई है। जिम्मेदारों ने बताया कि ये नियम आज से ही यादव समाज के सभी लोगों पर लागू होगा। यदि कोई ऐसा करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने अन्य समाज के लोगों से भी ऐसी फिजूलखर्ची के विरुद्ध मुहिम चलाने की अपील की है।

झांसी जिले के मोंठ में शनिवार शाम एक बैंक्वेट हॉल में यादव समाज के जिम्मेदार बुजुर्ग और समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले व्यक्तियों के बीच बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रघुवीर सिंह यादव खलार ने कहा कि परिवार में जब किसी की मौत होती है तो उस समय सभी लोग दुखी रहते हैं। लेकिन, सदियों से चले आ रहे रीति-रिवाज का मजबूरन पालन करते हुए दुखी मन से भोज जैसे आयोजनों को करना पड़ता है। जिससे समाज के लोग दिन प्रतिदिन कर्ज तले दबते जा रहे हैं। कई परिवार तो इस कुप्रथा के कारण बर्बाद हो गए हैं। पुराणों में त्रियोदशी करने का कहीं भी उल्लेख नहीं है। ऐसे में लोगों को परिजनों की आत्मा की शांति के लिए कन्या भोज करना चाहिए। बैठक में मौजूद लोगों ने रघुवीर यादव के सुझाव को सहमति दी और फरमान जारी करते हुए सभी से कहा कि आज से ही नगर में यादव समाज के लोग ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होंगे। यह एक कुप्रथा है, जिसे जल्द से जल्द बंद होना चाहिए।

–न मानने वालों का होगा हुक्का-पानी बंद

रघुवीर यादव ने बताया कि बैठक में इस कुप्रथा को बंद करने के लिए एक कमेटी गठित की गई। इसे बंद करने के लिए प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी कमेटी सदस्यों पर होगी। रघुवीर यादव ने बताया कि इस काम की शुरुआत सिर्फ मोंठ नगर में की गई है। आगे पूरे जिले में इसको लागू करने के लिए समाज के अन्य लोगों से सम्पर्क कर एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। साथ ही इस नियम का पालन न करने वालों का हुक्का-पानी बंद करते हुए उन्हें समाज से बहिष्कृत किये जाने का भी निर्णय लिया जा सकता है।