Home मनोरंजन मूवी रिव्यू :’प्यार का प्रोफेसर’ में खुद इश्क में फंसे लव गुरु

मूवी रिव्यू :’प्यार का प्रोफेसर’ में खुद इश्क में फंसे लव गुरु

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अभिनेता प्रणव सचदेवा, संदीपा धर, महेश बलराज की अभिनीत वेब सीरीज ‘प्यार का प्रोफेसर’ फरवरी के प्यार वाले मौसम यानी वैलेंटाइन डे पर रिलीज हो चुकी है। कुल छह एपिसोड्स वाली यह सीरीज अमेजॉन एमएक्स प्लेयर पर फ्री में दर्शकों के लिए उपलब्ध है।

दमदार कहानी

कहानी शुरू होती है ‘चक निवास’ नाम के दिल्ली के एक छोटे से घर से जिसमें वैभव चक (प्रणव सचदेवा) अपने पापा (बबला कोचर) के साथ रहता है। वैभव एक बहुत ही महत्वाकांक्षी और शौकीन लड़का है, जो जल्दी से बहुत सारे पैसे कमाना चाहता है। वैभव दिन में तो बॉडी लैंग्वेज को ग्रूम करने की कोचिंग देता है, लेकिन रात में वह सिंगल लड़कों को लड़कियों से फ्लर्ट करने की ट्रेनिंग देता है। उसके शो का नाम है ‘वोमैनीपुलेशन’ जिसमे वह लड़कों को स्टेप बाइ स्टेप लड़की पटाने के तरीके सिखाता है। वैभव का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल होता जाता है जिसमें वह एक जाट नेता पंकज हुड्डा (महेश बलराज) का मजाक उड़ाता दिखता है। गुस्से से आग बबूला हुए नेता पंकज ने अपने गुंडों को वैभव को सबक सीखने के मकसद से अपने घर बुलवा लिया, लेकिन वैभव ने अपनी लच्छेदार बातों से पंकज को इंप्रेस कर लेता है और पंकज उसको अपनी गुस्सैल छवि सुधारने का काम दे देता है। वैभव पंकज को बॉडी लैंग्वेज ठीक करने के तरीके सिखाने उसके पंकज के घर आने जाने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात पंकज की खूबसूरत और चालाक बीवी मल्लिका (संदीपा धर) से होती है, जिसे देखकर वैभव फिदा हो जाता है। पंकज ने लव मैरिज किया है दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन उनके रिश्ते में एक ठहराव हैं, जिसे बॉडी लैंग्वेज कोच और फ्लर्टिंग एक्सपर्ट पंकज आसानी से भांप लेता है और मल्लिका को अपने वश में करने के लिए अपनी फ्लर्टिंग स्किल के पैंतरे लगाना शुरू कर देता है। वैभव को पता है कि वह आग से खेल रहा है कि अगर पंकज को जरा भी पता चला तो वह उसको सीधे गोली मार देगा लेकिन वैभव अलग ही मिट्टी का जन्तु है। वैभव अपने मकसद में कामयाब होगा या नहीं इसका जवाब आपको सीरीज देखने के बाद ही मिलेगा।

शानदार अभिनय

अभिनय की बात करें तो सीरीज में प्रणव सचदेवा ने वैभव चक के किरदार को बहुत ही सहज और नेचुरल तरीके से प्ले किया है। उनके किरदार के कई शेड्स हैं, जिसे वो बहुत ही सहजता से स्क्रीन पर दर्शाने में कामयाब रहे हैं। दिल्ली के मिडिल क्लास के बेटे के किरदार को बखूबी प्ले करते हैं तो एक लव गुरु टाइप के मॉर्डन किरदार को भी बहुत लाइवली प्ले करते हैं। दिल्ली के मिडिल क्लास के बेटे के किरदार में अपने पिता से होती नोक-झोंक के साथ एक सॉफ्ट स्पोकेन लव गुरु टाइप के मॉर्डन किरदार को भी बहुत लाइवली प्ले करते हैं।

मल्लिका के किरदार में संदीपा धर बहुत सुंदर लगती हैं, उनके किरदार में जो कि दोहरी जिंदगी जी रही होती है उसे वह स्क्रीन पर आकर्षक ढंग से निभाने में कामयाब रही हैं। अभिनेता महेश ने पंकज के रूप में एक गुस्सैल एकदम देसी और और अक्खड़ जाट नेता के किरदार को जीवंत बना दिया है और उनकी ऐक्टिंग में बारीकी दिखाई देती है। अनामिका चोपड़ा के किरदार में अलीशा चोपड़ा, लव के किरदार में गुरुनाव सिंह ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। प्रणव के पिता के किरदार में बबला कचर ने भी अपने छोटे किरदार में इम्प्रेस किया है। लेकिन प्रणव ने हर एपिसोड में अपनी ऐक्टिंग, इक्स्प्रेशन और मनमोहक डायलॉग डेलीवरी से दर्शकों को सम्मोहित करने में कामयाब रहे हैं।

लेखन व निर्देशन सीरीज की कहानी में काफी नयापन है जिसे एक अच्छे डायरेक्शन से स्क्रीन पर इस तरीके से दर्शाया गया है, जो काफी इंटरेस्टिंग है और एंटेरटैनमेंट का तगड़ा मसाला तैयार हो गया है। सीरीज के लेखक प्रणव सचदेवा, अश्विन वर्मन और अक्षय चौबे ने आख़िरी एपिसोड तक दिलचस्प तरीक़े से लिखा है। छोटी छोटी बारीकियों का ध्यान रखा गया है, जिससे ये कहानी देखने में सच्ची घटना लगने लगती है और दर्शक खुद कनेक्ट करने लगता है। यही इस कहानी की यूएसपी है। निर्देशक अक्षय चौबे ने एक कसी हुई कहानी को स्क्रीन पर दर्शकों के सामने बेहद मनोरंजक तरीके से पेश करने में कामयाब रहे है।

नकारात्मक और सकारात्मक पक्ष

सीरीज का सब्जेक्ट फ्लर्ट, प्यार, रोमांस होने के बावजूद पूरी सीरीज के दौरान किसी भी सीन को वल्गर दिखने से बचा गया है। सिचूऐशनल और इंप्रेससीव म्यूजिक कहानी को एक धार देते हैं। 6 एपिसोड वाली इस सीरीज के हर एपिसोड में ऐसे अनएक्सपेक्टेड काइलमेक्स वाली इस सीरीज़ की कहानी में कई उलटफेट और चौकाने वाले मोड़ हैं जो दर्शकों को चौंका देंगे।

फिल्म के कलाकार : प्रणव सचदेवा, संदीपा धर, महेश बलराज, आलिशा चोपड़ा, बाबला कोचर, गुरनवदीप सिंह और हनीफ़ मेमन।

निर्देशक : अक्षय चौबे