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मनकामेश्वर मंदिर में बाहर के प्रसाद पर रोक

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मनकामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में बाहर के प्रसाद पर रोक

लखनऊ, 23 सितम्बर(हि.स.)। लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर व मठ की महंथ देव्या गिरी ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद विवाद पर बड़ा निर्णय लिया है। महंथ देव्या गिरी ने मनकामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में बाहर के प्रसाद पर पूर्णत: रोक लगा दी है।

महंथ देव्या गिरी ने साेमवार काे पत्रकाराें से कहा कि बाजार के भीतर तो हर एक वस्तु में मिलावट की पूरी सम्भावना है। इसे देखते हुए मनकामेश्वर मंदिर के नियमित भक्तों सहित श्रद्धालुओं के प्रसाद को गर्भ गृह में चढ़ाने पर रोक लगायी गयी है।

उन्होंने कहा कि गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के घरों में बनने वाले खाद्य सामग्री को चढ़ाया जा सकेगा। ​घरों में हस्त निर्मित प्रसाद जैसे हलवा, खीर पर कोई रोक नहीं है। इसी तरह सूखा मेवा चढ़ाने पर कोई रोक नहीं है। वहीं बाजार से खरीदकर मिष्ठान, अन्य खाद्य सामग्री चढ़ाने पर रोक लगायी गयी है।

– महंथ के निर्णय से मंदिर मार्ग के दुकानदारों में आक्रोश

महंथ देव्या गिरी के बाहरी प्रसाद पर रोक लगाने के निर्णय से मंदिर मार्ग के दुकानदारों में आक्रोश है। दुकानदारों का कहना है कि मंदिर में प्रसाद चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा से ही उनका परिवार चलता है। उनके द्वारा बेचे जाने वाले प्रसाद में कोई मिलावट नहीं की जाती है। गरी बर्फी, लड्डू में खुद से बनाया घी और साफ सुथरा चीनी उपयोग होता है।

– मनकामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह तक प्रवेश है वर्जित

महंथ देव्या गिरी ने पहले से एक आदेश देकर मनकामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह तक प्रवेश को वर्जित कर रखा है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भ गृह के बाहर से ही दर्शन करना पड़ता है। मंदिर के पुजारी द्वारा ही पुष्प, माला, प्रसाद चढ़ाया जाता है। श्रद्धालु अपने हाथ से शिवलिंग पर कुछ भी नहीं चढ़ा सकते हैं।

– राजनीतिक, गैर राजनीतिक मंचों पर दिखती है महंथ

लखनऊ के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मंदिर व मठ की महंथ देव्या गिरी अक्सर ही राजनीतिक, गैर राजनीतिक मंचों पर दिखती है। महंथ देव्या गिरी कार्यक्रम मंच के सामने बैठी भीड़ को देखकर अपने बयान भी देती है। जो अक्सर ही विवाद के कारण भी बन जाते हैं। जिस पर लाेगाें की तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आती है।