जगदलपुर, 25 जनवरी: जिले के बड़ाजी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलर में इसाई धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर हुए बवाल के बाद मारपीट में आदिवासी समुदाय के 11 लोग घायल हो गए हैं। वहीं पुलिस ने 21 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। नामजद आरोपिताें में मोहन कोहरामी, रामचन्द्र, यवन मण्डावी, गुप्ता कवासी, बीजा मण्डावी, पीलु मण्डावी, दिनेश कश्यप, अभिषेक मण्डावी, बबलू मण्डावी, रत्तु कश्यप, संतो कश्यप, गोचूं कश्यप, दीनु कश्यप, सरिता मण्डावी, मंगोल मंडावी, टिंगरी कवासी, पाण्डो मण्डावी, चैती मण्डावी, सोमारी कवासी, ऐलिसीबा, बोदे मण्डावी व अन्य दर्जनों शामिल हैं। वहीं घटना में शामिल सात लाेगाें को गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया गया है।
मारपीट का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें पुलिस जवानों की मौजूदगी में ही मारपीट हो रही है, जवान बीच-बचाव की कोशिश कर रहे हैं। ग्राम बेलर में कहीं और हिंसक घटना न हो जाए इसलिए पुलिस फोर्स बड़ी संख्या में आज शनिवार काे भी उस इलाके में मौजूद है। फिलहाल गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है, इलाके में पुलिस की अलग-अलग टीम द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। ऐहतियातन फोर्स की तैनाती बेलर, दाबपाल समेत आस-पास के गांवों की गई है। एएसपी महेश्वर नाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्हाेंने बताया कि 21 लाेगाें के खिलाफ कार्यवाई की गई है, सात लोगों को जेल दाखिल कर दिया गया है, अन्य की तलाश जारी है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासी हिंदू से इसाई धर्मांतरित के मृत्यु के बाद गांव के हिंदूओं के श्मसान की जमीन में शव दफनाने नहीं देने का एक मामला इन दिनाें सुप्रीम काेर्ट तक पंहुचने और सुप्रीम काेर्ट के न्यायाधीशाें के द्वारा इस पर हाई काेर्ट के आदेश पर टिप्पणी करने के बाद इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा बस्तर जिले में सुर्खियों में चल रहा है। इसी बीच बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा के ग्राम दाबपाल में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें बुधवार दोपहर को बेलर ग्राम से लगे दाबपाल निवासी इसाई धर्मांतरित महिला सुबरो पति बलि उम्र 40 वर्ष की मौत हो गई थी। इसके शव को दफनाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा था। इस मामले में दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मारपीट की घटना में शामिल सात आरोपिताें मोहन कोहरामी निवासी बुरूंगपाल पुजारी पारा थाना कोड़ेनार, पीलुराम मण्डावी निवासी बेलर, संतो कश्यप निवासी बेलर, गुप्ताराम कवासी निवासी बेलर, दीनु कश्यप निवासी सिरिसगुड़ा, गोंचू कश्यप निवासी सिरिसगुड़ा तथा रतु कश्यप निवासी दाबपाल के खिलाफ धारा 170, 126, 135 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।
उल्लेखनीय है कि दरभा थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदबहर में रहने वाले एक धर्मांतरित इसााई समुदाय के एक व्यक्ति की मौत हो गई। गांव वालों के विरोध के चलते शव को मेकाज के पाेस्टमार्टम घर में सुरक्षित रखा गया है। जहां 15 दिन गुजरने के बाद भी शव को दफनाने को लेकर किसी भी तरह से हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के कारण शव अभी भी मेकाॅज के पाेस्टमार्टम घर में रखा हुआ है, मामला अब सुप्रीम काेर्ट पहुंच गया है। ऐसा ही एक मामला कुछ माह पहले देखने को मिला था, जहां मेकाॅज में पिता की मौत होने के कारण वह अपने गांव में दफनाना चाहता था, लेकिन गांव वालों के विरोध के चलते शव को दाे दिनों तक मेकाॅज में ही रखा गया था, जिसके बाद मृतक के बेटे ने मामले को लेकर बिलासपुर के हाई कोर्ट में अर्जी दी, जहां रातों-रात हाई कोर्ट ने मृतक के बेटे के पक्ष में फैसला देते हुए शव को उसकी ही जमीन में दफनाने की अनुमति दी थी, इस फैसले के बाद कड़ी सुरक्षा में शव काे दफनया गया।