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धनखड़ करेंगे 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का  शुभारंभ

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उपराष्ट्रपति धनखड़ आज उज्जैन में, 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का करेंगे शुभारंभ

– श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के स्वामी गोविन्ददेव गिरीजी महाराज होंगे सारस्वत अतिथि

– शुभारंभ कार्यक्रम में राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव होंगे शामिल

उज्जैन, 12 नवंबर । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज मध्य प्रदेश के एक दिवसीय प्रवास पर उज्जैन आ रहे हैं। वे यहां कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में आयोजित 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह में बतौर मुख्य आतिथ्य शामिल होंगे। समारोह का शुभारंभ अपराह्न 3ः30 बजे में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगुभाई पटेल करेंगे। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्ददेव गिरी महाराज होंगे।

कालिदास संस्कृत अकादमी के निर्देशक गोविन्द गंधे ने बताया कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह 18 नवंबर तक चलेगा। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी और कौशल विकास राज्यमंत्री गौतम टेटवाल बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और सारस्वत आयोजन किए जाएंगे। समारोह में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान अलंकरण भी दिये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन शाम 6ः30 बजे से प्रस्तुत किए जाएंगे। पहले दिन ग्वालियर के डॉ. हिमांशु द्विवेदी के निर्देशन में संस्कृत नाटक कालिदास महोत्साहम् की प्रस्तुति दी जाएगी। बुधवार को प्रात: 10 बजे महाकवि कालिदास के साहित्य में पंच महाभूत विमर्श पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का प्रथम सत्र, दोपहर 2 बजे विक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्गत राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी और शाम 5 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास व्याख्यान माला का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम 6ः30 बजे शास्त्रधर्मी शैली पर आधारित तथा पारम्परिक शैली से अनुप्रेरित नृत्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण होगा।

गुरुवार को शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र, व्याख्यान माला कुटुम्ब व्यवस्था, हिन्दी नाटक वसन्त सेना का प्रस्तुतीकरण होगा। 15 नवम्बर को संगोष्ठी का तृतीय सत्र, व्याख्यान माला- कालिदास का पर्यावरण चिंतन, लोक गायन और नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम् की प्रस्तुति होगी। 16 नवंबर को संस्कृत कवि समवाय, अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता, लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी। 17 नवंबर को अन्तर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ, अन्तर महाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता, शास्त्रीय गायन होगा। 18 नवम्बर को समारोह का समापन कार्यक्रम शाम साढ़े चार बजे से किया जाएगा। इसके बाद शाम 6ः30 बजे शास्त्रीय शैली में वादन का आयोजन किया जाएगा।

इन विभूतियों को किया जाएगा सम्मान

इस वर्ष 2022-2023 के लिये कालिदास अलंकरण सम्मान शास्त्रीय गायन के लिये पं. उदय भावलकर पुणे (2022), पं. अरविंद पारेख मुंबई (2023), शास्त्रीय नृत्य के लिये डॉ. संध्या पुरेचा मुंबई (2022), गुरु कलावती देवी मणिपुर (2023), कला और शिल्प के लिये पीआर दारोच दिल्ली- कला और शिल्प (2022), रघुपति भट्ट मैसूर (2023), नाट्य के लिये भानु भारती राजस्थान (2022) और रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता कोलकाता (2023) को दिया जाएगा। समारोह में पारम्परिक राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी का शुभारंभ तथा रघुवंशम् से अनुप्राणित पुरस्कृत एवं चयनित कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी का अवलोकन 12 नवंबर को दोपहर 3ः30 बजे से 18 नवंबर को प्रात: 10 बजे से रात्रि आठ बजे तक किया जा सकेगा।