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गाजियाबाद में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

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दीवाली के दो दिनों बाद भी गाजियाबाद में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, एक्यूआई अभी भी 300 पार

गाजियाबाद, 2 नवंबर । उच्चतम न्यायालय के प्रतिबंध के बावजूद दीवाली पर चली आतिशबाजी व पटाखों के कारण गाजियाबाद में प्रदूषण की स्थिति शनिवार को भी खतरनाक श्रेणी में हैं। हालांकि नोएडा में शुक्रवार की अपेक्षा मामूली राहत है। गाजियाबाद में पिछले 24 घंटे के दौरान औसतन एक्यूआई 308 रहा। वहीं नोएडा में एक्यूआई 274 रहा। जबकि शुक्रवार को गाजियाबाद में एक्यूआई 337 और नोएडा में 332 था। यानि दोनों ही जिलों में मामूली सी राहत रही।

गाजियाबाद में लोनी में सबसे ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया। यहां पर एक्यूआई 340 रहा। जबकि संजय नगर में 328,इन्दिरपुरम में 281 और वसुंधरा में 282 रहा। जहां तक नोएडा की बात है तो वहां सेक्टर 125 में (यूपीपीसीबी)एक्यूआई 231,सेक्टर 62 में एक्यूआई273,सेक्टर एक मे 274 तथा सेक्टर 116 में एक्यूआई 261 रहा।

गाजियाबाद में लगातार दो दिन से एक्यूआई 300 से ज्यादा रहने के कारण सांस व दमे के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गयी है। साथ ही बच्चों व बुजुर्गों को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है। बुजुर्गों को चिकित्सकों ने सुबह के वक्त मास्क लगाकर ही जाने की सलाह दी है।

वरिष्ठ नाक-कान गला विशेषज्ञ डॉ.बीपी त्यागी का कहना है कि प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहने के कारण श्वसन और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों, मस्तिष्क और तंत्रिका से संबंधित रोग, यहां तक कि गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। जिस तरह से दीपावली के बाद लगातार गुणवत्ता खराब हो गयी है वह चिंतनीय है।

डॉ. त्यागी का कहना है कि प्रदूषित वातावरण का बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर देखा जाता रहा है। घरों से बाहर निकलते समय एक बार फिर से सभी लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी हो गया है।

वहीं शहर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर आनंद वशिष्ठ का कहना है कि दीपावली के बाद प्रदूषण काफी बढ़ गया है। जिस कारण सांस और दमा के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही बच्चों को भी इंफेक्शन हो रहा हैं। जिससे उन्हें खांसी, निमोनिया व जुकाम हो रहा है। उनके पास कई बच्चे कल से अब तक आ चुके हैं इसलिए मां-बाप को इंफेक्शन से बचने के लिए बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए । वहीं इंफेक्शन से बचने के लिए खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि बुजुर्गों को यदि सुबह को सैर पर जाना है तो बिना मास्क के बिल्कुल नहीं जाना चाहिए।