लखनऊ, 23 सितम्बर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दलितों को लेकर सोमवार को कांग्रेस समेत अन्य जातिवादी पार्टियों पर कड़ा प्रहार किया है।
उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा कि बिगड़े दिनों में ही कांग्रेस और जातिवादी पार्टियों को दलितों की याद आती है। अच्छे दिन आते ही इन्हें फिर से दरकिनार कर दिया जाता है।
मायावती ने कहा कि जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है। पूरे देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा.भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा तथा ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था। ऐसे में दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह है।
उन्होंने कहा है कि इसके इलावा, कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरूद्ध रही हैं। राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही ऐलान कर दिया है। ऐसी संविधान,आरक्षण व एससी,एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें।