Home राष्ट्रीय करोड़पति मौलाना की लखपति मौज

करोड़पति मौलाना की लखपति मौज

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शैलेश सिंह

मौजी मौलाना की तालिबानी फौज! खैर जाहिलों पर लगा एनएसए तो आका और इसको बचाने वालों पर लगेगा क्या? मौलाना साद, धर्मगुरू? या मौजी! अरे ये तो करोड़पति भी है! फिर सरकार को धेली भी नहीं देता क्यों? न आमदनी का जरिया, न व्यवसाय का कोई माध्यम फिर कई करोड़ का फार्म हाउस, आलीषान कोठी, आलीषान निवास, आलीषान कार मतलब मर्सिडीज गाड़ी कहां से आईं? और हैं तो आयकर विभाग को कचरा क्यों समझा गया? खैर दिखावे में साद कंधालवी धर्म प्रचारक है मगर सच यह कि करोड़पति साद की मौज मस्ती भी लखपति है। 2015-16 में लाठी डंडे के बूते इंसानों का सिर फोड़कर चैथे अमीर बनने वाले साद निजामुद्दीन मरकज के कब्जेदार तो हुए मगर इसके पीछे इंसानियत कुचलने और धनवान बनने का इतना बड़ा पाप पलता रहा यह न तो इस्लाम प्रेमियों को पता चला, न ही इसके पाप की भनक कानून को लगी, यूं तो मौलाना कंधालवी का आलीषान निवास निजामुद्दीन मरकज में है मगर जाकिर नगर की आलीषान कोठी बयां कर रही कि मौलाना कंधालवी न सिर्फ दौलत प्रेमी है बल्कि उसकी मर्सडीज गाड़ी स्पश्ट संकेत देती है कि साद की मौज बहुत ही उम्दा है। बात करें लगभग 50 एकड़ फार्म हाउस की तो षामली के कांधला स्थित फार्म हाउस की चमक धमक गवाह है कि साद कंधालवी वन्य जीव अधिनियम का आरोपी भी है। यूं तो फार्म हाउस तैयार करने में कई तरह की अनैतिक गतिविधियां हैं, न जाने कितने तरह के प्रतिबंधित वन्य जीव कैद किए गए हैं, न जाने किस श्रोत के माध्यम से कई करोड़ का फार्म हाउस तैयार किया गया है मगर करोड़पति मोहम्मद साद कंधालवी सरकार को कुछ नहीं देता, यह कानून के लिए खास तौर पर आयकर व जिला प्रषासन के लिए बड़ी चुनौती है। फिलहाल मौलाना कंधालवी आरोपी है और जन भावना उकसाने की ऐवज में इसके खिलाफ अपराध संख्या 63/2020 दर्ज की गई है, आईपीसी की धारा 269, 270 एंव 120बी के तहत इसे जकड़ा गया है मगर आपात समय में भी देष के दर्जनों राज्यों को कई तरह के संकट में डालने वाला कंधालवी आज भी सरकार को खुली चुनौती दे रहा, यह सरकार की बड़ी बुझदिली के सिवाय कुछ और नहीं कहा जा सकता, यूं तो मौलाना साद न जाने कितने तरह के अपराध करता रहा, न जाने किन किन माध्यम से जनता को उकसाता रहा मगर धारा 144 लगने के बाद भी मौलाना अपनी हरकत से बाज नहीं आया, मामला दर्ज होने के बाद भी कानून को चिढ़ा रहा, यह न तो इंसान, समाज, देषहित में है, न ही कानून के लिए अच्छे सकेत हैं। फिलहाल मौलाना साद को बचाने के लिए कई तरह के असमाजिक तत्व टीवी चैनलों पर भी हावी हैं, इसके अनुयाई गाजियाबाद, इंदौर और दिल्ली के तुगलकाबाद आइसोलेषन तक में बेषर्मी और बेहाई दिखा रहे हैं मगर गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में नर्सो को चिढ़ाने वाले, डाक्टरों को अभद्रता दिखाने वाले मरकज के अनुयाई उस समय भी संकोच नहीं कर रहे जब देष आपात स्थिति का सामना कर रहा और स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस फोर्स इन्हीं को बचाने के लिए इन्हीं से नीचा देख रही है, यह गंभीर अपराध के सिवाय कुछ और नहीं है। तो क्या साद कंधालवी गिरफ्तार होगा? क्या आरोपी को उसकी जगह पहुंचाया जाएगा? क्या दौलत प्रेमी कंधालवी को बचाने वाले आरोपी नहीं है? क्या देष को बीमारी बांटने वाले मरकज के अनुयाई अनैतिक गतिविधियां मतलब अपराध नहीं कर रहे? यह वो सवाल हैं जिनके जबाब जानने के साथ साथ देष की जनता यह अवष्य समझना चाहती थी कि करोड़ो की दौलत जुटाने वाले कंधालवी की आमदनी का जरिया क्या है? फिलहाल किसी ने कहा इंसानियत का दुष्मन है तो कोई कह रहा जहरत करे बंद! कोई कह रहा षैतानियत है, तो कोई कह रहा काबा का इस्लाम और भारत का इस्लाम एक है और काबा मस्जिद बंद मगर कंधालवी की दुकान चालू क्यों? खैर सच यह कि मुस्लिम समुदाय के एक बड़े हिस्से को ही खटकने लगी मौलाना साद की करतूतें और जमातियों की करतूतों के लिए तो जाने माने चेहरे जफर सरेषवाला, अतहर हुसैन दहलवी और फिरंगी महली जैसे बड़े विद्ववानों ने भी पढ़े लिखे अलफाजों में कोसा। फिलहाल इंदौर की घटना हो या रामपुर, मुंगेर की हो या दिल्ली की मगर गाजियाबाद की घटना करने वालों पर एनएसए के तहत हुई कार्यवाही। न मानो तो पढ़ो पत्र संख्या 6231 दिनांक 02 अप्रैल 2020 एमएमजी अस्पताल गाजियाबाद का पत्र।