वाराणसी, 18 फ़रवरी: प्रयागराज महाकुंभ से लौटे नागा संतों के दल ने मंगलवार को काशीपुराधिपति की नगरी से भव्य पेशवाई निकाली। भगवान गणेश की अगुवाई में आवाहन अखाड़े की पेशवाई कबीरचौरा मठ से दशाश्वमेध तक पूरे लाव लस्कर के साथ निकाली गई। शोभा यात्रा को देखने के लिए सड़क के दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ जमा रही। नागरिक आस्था के साथ संतों के ऊपर पुष्प वर्षा भी करते रहे ।
फूलों से सजे रथों पर सवार संत लोगों पर पूरे राह आशीर्वाद बरसाते रहे। महाकुंभ से लौटने के बाद अखाड़ों की यह दूसरी पेशवाई है । अब काशी में महाशिवरात्रि पर पेशवाई निकलेगी। नागा अखाड़े के श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़े की पेशवाई कई मामलों में बेहद खास रही। रथों पर सवारअखाड़े के संतों के साथ सैकड़ों नागा संत लोगों में आकर्षण के केंद्र रहे। पूरे शरीर में भभूत पोते नागा संत पारंपरिक शस्त्र कला का भी प्रदर्शन करते रहे। इसके पहले नागा संतों ने
कबीरचौरा स्थित औघड़नाथ तकिया अखाड़े में विधि विधान से अपने आराध्य देव भगवान गणेश और निशान की पूजा की। फिर खिचड़ी भोज करने के बाद पेशवाई निकाली। इसमें अखाड़े के महामंत्री सत्य गिरि महाराज, अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य मंडलेश्वर अवधूत अरुण गिरि भी शामिल हुए।
पेशवाई में बैंडबाजा-घोड़े आदि शामिल रहे। पेशवाई कबीरचौरा,बड़ी पियरी, बेनिया बाग ,नई सड़क, गोदौलिया होते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंची। यहां पर भगवान गणेश व निशान की पूजा व आरती हुई।लोगों ने साधु-संतों का स्वागत पुष्प वर्षा कर किया । इस दौरान सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहा।