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आजम की गुंडागर्दी का लाइसेंस रद्द

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निशांत सिंह

आजम की गुंडागर्दी का लाइसेंस रद्द! सुप्रीम कोर्ट से योगी को मिला हण्टर। सीजेआई चन्द्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता दुष्यंत दुबे और कपिल सिब्बल की दलीलें खारिज करते हुए योगी के हाथ में जबरदस्त हण्टर थमाया है। अखिलेश यादव द्वारा आजम को लूट, उत्पीडन और गुण्डागर्दी का दिया गया लाइसेंस रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाजवादी शासन में रामपुर में किसानों की जमीनें लूटी थीं, 450 एकड़ में जो यूनिवर्सिटी बनायी थी, वह अवैध है, वह आजम का आतंक था। उसपर योगी सरकार ने जो भी किया, वह सब जायज बताते हुए सख्त टिप्पणी की है, आजम द्वारा की गयी अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया, कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिया गया आदेश में कोई खामी नजर नहीं आयी। हाईकोर्ट के आदेश को नियमानुसार करार देते हुए स्पष्ट किया कि रिकाॅर्ड में स्वीकारे गये तथ्य यह है कि भूमि का आवंटन अवैध है, जिस समय भूमि का आवंटन किया गया, वह मंत्री पद का दुरूपयोग है, जब भूमि का आवंटन किया गया, उस समय आजम खां कैबीनेट मंत्री थे, हाईकोर्ट का फैसला में कोई खामियां नहीं हैं। हाईकोर्ट ने 450 एकड़ ट्रस्ट की जमीन को अवैध करार दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी, अपील खारिज करते हुए योगी सरकार को आदेश दिया गया कि जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के नाम पर 99 साल के लिए पट्टा की गयी जमीन सरकार अपने नियंत्रण में ले, क्योंकि ट्रस्ट के नाम पर की गयी जमीन किसी सरकारी संस्थान के लिए ना होकर निजी ट्रस्ट को दी गयी, जिसके ट्रस्टी खुद आजम खां हैं, इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि इसमें अध्ययनरत 350 छात्रों का दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाये।

हम आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं के मारफत आजम खां ने वर्ष 2022 में सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका की थी, जिसे खारिज करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा गया था, उसके बाद सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में केस किया गया, जहां हाईकोर्ट ने आजम खां को जबरदस्त झटका देते हुए लीज की जमीन को अवैध करार दिया, उसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी, जिस पर आज फाइनल मोहर लगायी गयी है।