बिहार के कारीगर यूपी में बना रहे थे रिवाल्वर पिस्टल, चार गिरफ्तार
बांदा, 22 सितंबर । यूपी के जनपद बांदा में बिहार के कारीगर पिस्टल और रिवाल्वर बना रहे थे। कच्चा माल भी बिहार से मंगाया जाता था। जानकारी मिलने पर यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने बांदा और अतर्रा में छापा मार कर अंतरराज्यीय असलहा बनाने की फैक्ट्री बरामद कर भारी मात्रा में बने अधबने रिवाल्वर व पिस्टल बरामद किए। बिहार के दो कारीगरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह में हमीरपुर और रायबरेली के दो लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं।
एसटीएफ लखनऊ को सूचना मिली थी कि बांदा में बड़े पैमाने पर रिवाल्वर व पिस्टल बनाने की फैक्ट्री संचालित है। जिसमें बनाए गए रिवाल्वर व पिस्टल प्रदेश की राजधानी समेत अन्य जनपदों में बेचे जा रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ की एक टीम इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित की गई। जिसमें उप निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, कांस्टेबल कौशलेंद्र प्रताप सिंह व आरक्षी रवि वर्मा को शामिल किया गया। टीम के उप निरीक्षक विनोद कुमार सिंह को एक दिन पहले बंदा भेज दिया गया। जिसने मुखबिर से संपर्क स्थापित कर लिया। शनिवार को इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी बांदा पहुंचे। सिविल लाइन पुलिस चौकी के दरोगा को भी कार्रवाई में शामिल किया गया।
टीम ने सबसे पहले शहर के गुलाब नगर स्थित ज्ञान सिंह के मकान में छापा मारा। जहां शुभम सिंह पुत्र चंद्रबली निवासी अतर्रा बांदा और अनुज सिंह निवासी स्वराज कॉलोनी गली नंबर दो,मिले। एसटीएफ को देखकर दोनों के हाथ पांव फूल गए। फिर कभी गलती न करने की दुहाई देते हुए माफ करने की बात करने लगे। टीम ने जब इस दो मंजिला मकान में और खोजबीन की तो वहां बिहार के दो कारीगर असलहा बनाते हुए पाए गए। इनमें प्रदीप शर्मा पुत्र बृजभान और संजीव पोद्दार पुत्र सत्यनारायण पोद्दार निवासी मरूस्ररपुर कासिम बाजार मुंगेर बिहार शामिल थे। मौके पर दो देशी पिस्टल, एक देसी रिवाल्वर, 5 अर्ध निर्मित पिस्टल, दो पिस्टल बॉडी, बॉडी कटिंग मशीन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए। इनकी निशान देही पर अतर्रा में एल आई सी कार्यालय के पास एक मकान में छापा मार कर दो मशीने बरामद की गई। जो बॉडी बनाने के काम आती हैं। बरामद हुई मशीन इतनी भारी थी कि इन्हें क्रेन के जरिए बाहर निकाल कर लोडर के जरिए थाने भेजा गया।
पकड़े गए शिवम सिंह व अनुज ने बताया कि वह लोग बिहार से कच्चा माल लाते थे। अतर्रा में मशीनों के जरिए असलहे की बॉडी तैयार की जाती थी। इसके बाद बांदा में रिवाल्वर व पिस्टल तैयार किए जाते थे। अतर्रा में बरामद हुई मशीन बिहार का रहने वाला सद्दाम चलाता है जो मौके पर नहीं मिला। बिहार के पकड़े गए कारीगरों ने बताया कि उन्हें एक पिस्टल का मेहताना 5000 रुपए मिलता था। इसी लालच में आकर वह यहां आकर यहां काम करते हैं।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में सात अभियुक्तों के नाम शामिल हैं। इनमें से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है, तीन लोग फरार हैं। इनमें रायबरेली हमीरपुर और एक बिहार का रहने वाला व्यक्ति शामिल है।