Home अन्य समाचार  भारत और चीन में सहमति बनी

 भारत और चीन में सहमति बनी

61

ब्रिक्स से पहले भारत और चीन के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर बनी सहमति

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। भारत और चीन के बीच लद्दाख के नजदीक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 में पैदा हुई सैन्य तनातनी का अब समाधान हो गया है। दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर हुई चर्चाओं के बाद सैन्य गश्त को लेकर सहमति बन गई है, जिसके बाद अब दोनों ओर से अग्रिम तैनाती खत्म होगी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिक्स यात्रा से पूर्व आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक सहमति बनी है। इससे अग्रिम तैनाती खत्म होगी और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उठे मुद्दे का एक समाधान निकाला जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2020 में दोनों सेनायें आमने-सामने आ गई थीं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों ओर से सैनिकों की मौत भी हुई थी। इसके बाद से भारत-चीन के संबंधों में खटास आई थी। बाद में विदेश मंत्रालय और सैन्य स्तर पर इस तनातनी को खत्म करने को लेकर वार्ताएं शुरू हुईं।

ब्रिक्स से पहले भारत और चीन के बीच एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर बनी सहमति

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । भारत और चीन के बीच लद्दाख के नजदीक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 में पैदा हुई सैन्य तनातनी का अब समाधान हो गया है। दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर हुई चर्चाओं के बाद सैन्य गश्त को लेकर सहमति बन गई है, जिसके बाद अब दोनों ओर से अग्रिम तैनाती खत्म होगी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिक्स यात्रा से पूर्व आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक सहमति बनी है। इससे अग्रिम तैनाती खत्म होगी और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उठे मुद्दे का एक समाधान निकाला जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2020 में दोनों सेनायें आमने-सामने आ गई थीं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों ओर से सैनिकों की मौत भी हुई थी। इसके बाद से भारत-चीन के संबंधों में खटास आई थी। बाद में विदेश मंत्रालय और सैन्य स्तर पर इस तनातनी को खत्म करने को लेकर वार्ताएं शुरू हुईं।