ये क्या हाल कर दिया यमुना का…!
दोस्तो! हम खड़े हैं दुनियां की सबसे पवित्र नदी में और दिखायेंगे कि ये बुरी तरह प्यासी है, मगर इसकी बदकिस्मती है कि ये दुनियां के सबसे बुरे शहर में है।
यहां कानून के कान मरोड़े जाते हैं और कोर्ट का अपमान देखना तो न्यायमूर्तियों को भी अच्छा लगता है।
जिस दिल्ली में कानून बनता है, जहां एनजीटी है, हाईकोर्ट है, सुप्रीम कोर्ट है, उसी दिल्ली में कानून की नाक के नीचे यमुना को सूखा खेत बना दिया केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने…! ये आजाद भारत की सबसे बुरी हार है।
यही वजह है कि नदियों के देश की प्यास की मारामारी, अदालती सुनवाई पर कलंक हो गया है। अगर इसे गम्भीरता से नहीं लिया गया, दोषियों को क्रिमिनल सजा नहीं दी गई, तो एनजीटी में सिर्फ फाइल बचेगी और नदियों में सिर्फ सूखे खेत बचेंगे।