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पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गंडापुर समेत तीन अन्य के खिलाफ गैरजमानती वारंट

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इस्लामाबाद, 21 सितंबर । पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने आज खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और तीन अन्य नेताओं के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। राजधानी के एक न्यायिक परिसर में 18 मार्च 2023 को तोड़फोड़ के बाद आतंकवाद के आरोपों के तहत दर्ज केस में चारों आरोपित हैं। गंडापुर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख नेता हैं। गिरफ्तारी वारंट इस्लामाबाद के आई-9 पुलिस स्टेशन में आतंकवाद के आरोपों के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है।

जियो न्यूज की खबर के अनुसार, एटीसी ने गंडापुर के अलावा पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर वसीक कय्यूम अब्बासी, इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान के नेता आमिर महमूद कियानी और पीटीआई नेता राजा राशिद हफीज के खिलाफ भी गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। अदालत ने पूर्व पीटीआई नेता उमर तनवीर बट को लगातार अनुपस्थित रहने के कारण भगोड़ा घोषित कर दिया। साथ ही इस मामले में सुनवाई में पेशी से छूट के लिए पीटीआई नेता फैसल जावेद की याचिका को मंजूर कर लिया।

आतंकवाद निरोधी अदालत के जज ताहिर अब्बास सिप्रा ने गैरजमानती वारंठ जारी करने से पहले मुख्यमंत्री गंडापुर की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान गंडापुर के वकील ने जज को बताया कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि रास्ते बंद होने के कारण वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकते। इसलिए कोर्ट को मौका देना चाहिए। जज ने कहा कि पिछली बार भी उन्होंने गंडापुर की पसंद की सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद जज ने सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

गंडापुर के खिलाफ गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट लाहौर में आज होने वाली पीटीआई की अहम रैली (शक्ति प्रदर्शन) से पहले आया है। मुख्यमंत्री गंडापुर डेरा इस्माइल खान से लाहौर तक पीटीआई समर्थकों के कारवां का नेतृत्व कर रहे हैं। इस घटनाक्रम के बीच पेशावर हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री गंडापुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि देश के किसी भी प्रांत में उन्हें पांच अक्टूबर तक गिरफ्तार न किया जाए। पेशावर हाई कोर्ट के इस आदेश से गंडापुर को राहत मिली है। अदालत ने विस्तृत आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि याचिकाकर्ता गंडापुर ने संघीय राजधानी और पंजाब में गिरफ्तारी की पहले ही आशंका जताई है। हाई कोर्ट ने संघीय राजधानी और पंजाब में गंडापुर के खिलाफ दर्ज सभी मामलों का विवरण मांगा है।