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खो-खो विश्व कप विजेता भारतीय टीमों को केंद्रीय खेल राज्य मंत्री ने दी बधाई, महाराष्ट्र सरकार ने खिलाड़ियों को दिया बड़ा तोहफा

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नई दिल्ली, 24 जनवरी: केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने शुक्रवार को हाल ही में खो-खो विश्व कप जीतने वाली भारतीय पुरुष और महिला टीमों से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। खडसे ने कहा कि यह देश के लिए गर्व का क्षण है कि दोनों टीमों ने इस स्वदेशी खेल में पहला विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने इस जीत को पूरे देश, विशेष रूप से ग्रामीण भारत के लिए प्रेरणा बताया।

“हमारी मिट्टी का खेल, हमारा गर्व”

खडसे ने कहा, “हमारी पुरुष और महिला दोनों टीमों ने जिस दबदबे के साथ विश्व कप जीता, उससे मुझे बहुत गर्व है। यह हमारी मिट्टी और गांवों का खेल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का श्रेय भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) और खिलाड़ियों को जाता है।” उन्होंने केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल और उनकी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस खेल को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।

प्रतीक वाइकर और प्रियंका इंगले ने दिलाया स्वर्ण पदक

भारतीय पुरुष टीम, जिसकी कप्तानी प्रतीक वाइकर कर रहे थे, ने फाइनल मुकाबले में नेपाल को हराया। वहीं, महिला टीम ने प्रियंका इंगले की अगुवाई में नेपाल के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पहले खो-खो विश्व कप में 6 महाद्वीपों के 23 देशों की 20 पुरुष और 19 महिला टीमों ने भाग लिया। यह टूर्नामेंट एक सप्ताह तक चला, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।

महाराष्ट्र ने निभाई अग्रणी भूमिका

खडसे ने महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की और कहा, “महाराष्ट्र, जहां इस खेल की शुरुआत हुई, ने शानदार योगदान दिया। अब यह हर खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र में इस खेल को बढ़ावा दें और नई पीढ़ी को प्रेरित करें।”

राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने 10 दिसंबर, 2024 से 11 जनवरी, 2025 तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक महीने का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इस शिविर में 27 राज्यों के 60 पुरुष और 60 महिलाओं ने भाग लिया, जिसे केकेएफआई के समर्थन से आयोजित किया गया।

मित्तल ने सरकार की सराहना की

केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने विश्व कप के सफल आयोजन में सहयोग के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने हर संभव सहायता प्रदान की। हमने चार साल बाद बर्मिंघम में अगले विश्व कप के आयोजन की घोषणा कर दी है और भारत में भविष्य की विश्व चैम्पियनशिप आयोजित करने की योजना पर विचार कर रहे हैं।”

खिलाड़ियों को महाराष्ट्र सरकार का तोहफा

खडसे के अनुरोध पर महाराष्ट्र सरकार ने खो-खो विश्व कप में भाग लेने वाले राज्य के प्रत्येक खिलाड़ी को 2.25 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार और राज्य सरकार में प्रथम श्रेणी की नौकरी देने की घोषणा की है। यह कदम खो-खो को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयासों का हिस्सा है।

खो-खो को नई पहचान देने का प्रयास

रक्षा खडसे ने कहा कि सरकार खो-खो जैसे स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि केकेएफआई की योजनाओं को आगे बढ़ाने और खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री से चर्चा की जाएगी। खो-खो विश्व कप में भारतीय खिलाड़ियों की इस उपलब्धि ने न केवल स्वदेशी खेलों के प्रति रुचि को पुनर्जीवित किया है, बल्कि नई पीढ़ी को इस खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है।