Home उत्तर प्रदेश कमिश्नरी तो खटकने लगी नवाबी शहर को

कमिश्नरी तो खटकने लगी नवाबी शहर को

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लखनऊ। मण्डलायुक्त के नीचे इतना अंधेरा! फिर भी ना जैकब को पता और ना ही उन्हें और बताने वाला। एक तरफ रौशन जैकब अपने काम से कोर्ट कार्यवाही या पीड़ित पक्ष को खुश कर रही हैं, दूसरी तरफ हजारों लोग उन्हें और उनके दफ्तर, दोनों को रोज कोस रहे हैं। हम आपको बता दें कि मण्डलायुक्त का दफ्तर उस जगह पर है जहां से हरदोई रोड होता हुआ, सीतापुर रोड होता हुआ और एक तिहाई आबादी लखनऊ से रोज निकलती है, सरकारी दफ्तरों, जिला अदालत तक के कर्मचारी आते जाते हैं, मगर ये कार्यालय ऐसी जगह है जहां आधा दिमाग और आधा पसीना सिर्फ वहीं दफ्तर के सामने ही आपस में रोज मिल जाता है।

महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित मण्डलायुक्त कार्यालय के सामने रोज लगभग चार घंटे का जाम लगने से लोग परेशान हैं। सुबह दस बजे के बाद अपने कार्यालयों को जाते हुए प्राइवेट व सरकारी कर्मचारियों सहित अन्य लोगों को इस जाम से जूझना पड़ता है।

तमाम महिला पुरूष बताते हैं कि शहर की कई प्रमुख जगहों में से एक कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रतिदिन जाम से जूझना पड़ रहा है। यह समस्या काफी दिनों से बनी हुई है। स्कूल के लिए जाते हुए जाम के कारण प्रतिदिन ही विलम्ब होता है।

कुछ अन्य ने बताया कि जहां कमिश्नर डा.रौशन जैकब बैठती हों और उस कार्यालय से पूरे शहर सहित मण्डल की निगरानी करती हों, उनके नाक के नीचे ही समस्या का निवारण नहीं हो पा रहा है। प्रतिदिन वाहनों की रफ्तार वहां रुक जाती है, दस से पन्द्रह मिनट तक जाम से निकलने में लग ही जाता है।

शहर में जाम की समस्या वैसे तो कुछ एक ही जगहों पर है। जिसमें कचहरी परिसर के आसपास की सड़कें भी शामिल हैं। कचहरी परिसर से कुछ कदम की दूरी पर ही कमिश्नर कार्यालय स्थापित है। इसके कारण जाम की स्थिति बनती है। वैसे देखा जाये तो जाम की मुख्य वजह अधिवक्ताओं के चार पहिया वाहनों का कमिश्नर कार्यालय के सामने खड़ा होना ही है।

कमिश्नर कार्यालय के दोनों छोर पर चार पहिया वाहनों की सुबह दस बजे पंक्ति लग जाती है। ये पंक्ति दो बजे तक जस की तस रहती है। जिससे प्रतिदिन चार घंटे तक कमिश्नर कार्यालय के सामने जाम की स्थिति बनी रहती है। इसमें नगर निगम की ओर से एक दो बार अभियान चलाकर अधिवक्ताओं के वाहनों को हटाया गया है।

कमिश्नर कार्यालय को स्थानान्तरित करने की चर्चा पर विराम

दो माह पूर्व में कमिश्नर कार्यालय को स्थानान्तरित करने की चर्चा सामने आयी थी। जिस पर कमिश्नर डा. रौशन जैकब ने कोई उत्तर नहीं दिया था। फिलहाल कमिश्नर कार्यालय के सामने की दीवार की मरम्मत करायी जा रही है। जिसके बाद कमिश्नर कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के बीच अब यह चर्चा है कि स्थानान्तरण होना होता तो कार्यालय की मरम्मत थोड़ी ना करायी जाती।