लखनऊ, 18 सितम्बर। उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। इसके कारण बदायूं, गाजीपुर, बलिया और फर्रूखाबाद में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कानपुर, कानपुर देहात और वाराणसी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नदी किनारे के ग्रामीण क्षेत्रों को खाली कराया है। इसमें अभी तक तीन सौ से अधिक गांवों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। ताकि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने में किसी प्रकार का जान माल का नुकसान न हो।
उप्र के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने नदियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए कटान रोकने के निर्देश दिये हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर पर सिंचाई विभाग के अभियंताओं एवं अधिकारियों को नजर बनाये रखने को कहा है। स्वतंत्रदेव सिंह स्वयं भी नदियों की प्रतिदिन की स्थिति की जानकारी कर रहे हैं।
सिंचाई विभाग उप्र के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर प्रयागराज, कन्नौज, रायबरेली में खतरे के निशान से नीचे है। इसके बावजूद वहां ग्रामीण अंचल में बाढ़ और कटान के खतरों पर निगरानी की जा रही है। किसी भी परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गयी है। इसी तरह जहां पर गंगा अब खतरे के निशान से ऊपर है, वहां नदी किनारे के गांवों को खाली कराया गया है।
गंगा की तरह घाघरा का जलस्तर सामान्य से ज्यादा
प्रदेश में दूसरी बड़ी नदी के रूम में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर सामान्य से ज्यादा हो गया है। बलिया में तुतरीपार, अयोध्या में मुख्य घाट, बाराबंकी में एल्गिनब्रिज में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। घाघरा नदी ने बाराबंकी और अयोध्या के गांवों को प्रभावित किया है। कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं।